दिल की बातों पर यकीन नहीं आता
अपनों से मुलाकातों पर यकीन नहीं आता
जमाने में प्यार करने वाला एक ही बहुत है
हर किसी से प्यार पर यकीन नहीं आता
सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह
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*सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह*
* सावनी*
काली घटाएँ करती शोर
वन में नाचें पपीहा मोर
मन-मोहक ऋतु आई ऐसी
छाइ हरीतिमा चारों और
अंबर में विधुत्त चमचम...
1 year ago
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