Monday, August 31, 2009

राजभाषा समारोह

कल से सितंबर का महीना प्रारंभ हो रहा है । एक बार फिर राजभाषा मास मनाने की तैयारी चल रही है, बैनर बन रहे हैं, आमंत्रण पत्र छप रहे हैं, बैठकें हो रही हैं, निरीक्षण हो रहे हैं, हिंदी वाले नाराज न हों इसलिए हिंदी के कवियों और साहित्‍यकारों के स्‍वागत का प्रबंध किया जा रहा है । इस देश में हिंदी बोलने वालों की कमी नहीं है । कहा जाता है कि हिंदी विश्‍व में तीसरे नंबर पर बोली जाने वाली भाषा है, फिर भी हमें हिंदी दिवस मनाने की आवश्‍यकता है । क्‍या किया जाए, यदि नहीं मनाएंगे तो राजभाषा नियम का उल्‍लंघन होगा और यदि मनाएंगे तो लोगों का विशेष रूप से हिंदी के तथाकथित विरोधियों का तिरस्‍कार भी सहना पड़ेगा । औपचारिकताओं से परे मेरी आपसे अपील है कि हिंदी प्रेमी बनिए और इसे अपने जीवन में ढाल लीजिए ।

Friday, August 14, 2009

62वीं सालगिरह

यह एक वृक्ष है लेकिन अपने आप में बेमिसाल है, मैं चाहता हूं कि इसे आप ध्‍यान से देखें और स्‍वतंत्रता की 62 वीं सालगिरह का आनंद उठाएं । मेरे मित्र अजय तिवारी द्वारा प्रेषित इस तस्‍वीर को मैंने शीर्षक दिया है - स्‍वतंत्रता का वृक्ष


स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक बात आपके समक्ष रखना चाहता हूं कि
स्‍‍वतंत्रता प्राप्ति को 62 साल हो गए हैं, परंतु इन 62 सालों में शिक्षा की स्थिति में अभी भी हम 62 प्रतिशत के आस-पास हैं, मैं समझता हूं कि शिक्षा के बिना हमारी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में वो सुधार नहीं आ पाएगा, जिसका हम सपना देखते रहते हैं । मेरा विचार है कि हम सब अशिक्षा को दूर करने के लिए एकजुट हो जाएं और सबको शिक्षित करने का प्रण करें । शिक्षा देश के विकास के लिए भी आवश्‍यक है एवं व्‍यक्तिगत विकास के लिए भी ।


Thursday, August 13, 2009

जन्‍माष्‍टमी पर्व


आप सबको जन्‍माष्‍टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं


Wednesday, August 5, 2009

बरखा

इस बार
आएगी
जब
मैं कह दूंगा
साफ-साफ
नहीं जरूरत है तेरी
यहां किसी को
जाकर कुछ देर ठहर
दूर गांव के खेतों में
रेत के टीलों पर
खुरदरे पहाड़ों पर
जहां तेरे इंतजार में
बैठे हैं बच्‍चे,
बूढ़े और पशु-पक्षी भी
इस महानगर में तो
बनावटी है सब
नहीं बहाता कोई यहां
सच्‍चे आंसू
किसी की मुसीबत पर
हंसता है ईर्ष्‍या के साथ
किसी की उपलब्धि पर
सोचता है हर कोई
यहां सिर्फ अपने बारे में
तू आएगी
बाद में बहुत पछताएगी
तुझे भी यहां की हवा लग जाएगी

ख़ास ख़बर

तीन दिनों तक बंद रहेंगे सरकारी बैंक

नैशनलाइज्ड बैंक तीन दिन तक बंद रहेंगे। बुधवार को रक्षाबंधन के कारण राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहेंगे। गुरुवार और शुक्रवार को वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर हड़ताल प्रस्तावित है। इन तीन दिनों तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में काम पूरी तरह से ठप रहेगा। इनसे न तो उपभोक्ता पैसा निकाल सकते हैं और न ही जमा कर सकते हैं। क्लीयरिंग के डाले गए चेक भी 3 दिनों तक लटके रहेंगे। बैंकों में मंगलवार को काफी भीड़ रही। तीन दिनों की कैश की जरूरत को देखते हुए लोगों ने पैसे निकाल लिए। बैंक अफसरों के मुताबिक तीन दिनों में करोड़ों के चेक क्लीयिरिंग में फंसे रहेंगे। शनिवार को बैंक में काम केवल हाफ टाइम तक होगा। रविवार को अवकाश है। पब्लिक को सोमवार को राहत मिलेगी। हालांकि बैंकों की ओर से रेग्युलर उपभोक्ताओं को इस स्थिति से अवगत कराया गया था और एक सप्ताह तक कैश की व्यवस्था करने के लिए कह दिया था। सरकारी चलान जमा करने की व्यवस्था केवल राष्ट्रीयकृत बैंकों में हैं। दो दिनों की हड़ताल के कारण बैंक में चलान न जमा होने पर उद्यमियों और व्यापारियों की मुसीबत बढ़ सकती है। कमर्शल टैक्स डिपार्टमेंट कारोबारियों पर रिकवरी निकाले हुए हैं और उसे जमा करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। विभाग के अफसर इन बैंकों से प्रतिदिन की रिपोर्ट लेते रहते हैं और व्यापारियों पर निकाली गई रिकवरी की रकम को जमा कराने के लिए दबाव बनाते रहते हैं।

Sunday, August 2, 2009

नवगीत की पाठशाला में एक गीत प्रकाशित हुआ है -

चांद चमका आसमां पे-------

31 जुलाई 2009 क्रमांक 13

एक नजर डाल लीजिए, शायद आपको पसंद आए । पसंद आए या न आए प्रतिक्रिया देंगे तो अच्‍छा लगेगा ।

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शायरी

आंखों में अगर एक ख्‍़वाब हो तो सब-कुछ अच्‍‍छा लगता है
कांटों में अगर एक गुलाब हो तो सब-कुछ अच्‍‍छा लगता है
दुनिया में यूं तो दुश्‍‍मनों की कमी किसी को नहीं होती
दोस्‍‍त अगर एक जनाब हो तो सब-कुछ अच्‍‍छा लगता है

आप सब को दोस्‍‍त दिवस की शुभकामनाएँ

Thursday, July 30, 2009

एक और वायरस

LIFE IS BEAUTIFUL नाम से एक और वायरस पैदा हो गया है । आपके मेल पर यह मैसेज आकर आपका आईडी और पासवर्ड हैक कर सकता है, कृपया सावधान रहें और इस शीर्षक या नाम से आई हुई मेल को पहले ही डिलीट करें वरना बाद में मैसेज आएगा कि अब देर हो गई यू कांट डिलीट इट ।

Wednesday, July 29, 2009

शायरी

दिल की बातों पर यकीन नहीं आता
अपनों से मुलाकातों पर यकीन नहीं आता
जमाने में प्‍यार करने वाला एक ही बहुत है
हर किसी से प्‍यार पर यकीन नहीं आता

Tuesday, July 28, 2009

शायरी

ख्‍़वाहिश

सारे जहां की खुशियां तेरे कदमों में वार दूं
आ कि इस दिन को मैं तेरी याद में गुजार दूं
चारों तरफ से तुझ पर बहार ही बहार बरसे
आ कि मैं तुझ पर एक प्‍यार की बौछार दूं

Sunday, July 26, 2009

सफ़र

इस दुनिया से
उस दुनिया तक का
सफ़र
शैशव की चंचलता
किशोर अल्‍हड़ता
यौवन की मादकता
बुढ़ापे की आश्रता ही
सब कुछ नहीं है
गाना पड़ता है
क ख ग का गीत
पढ़नी पढ़ती हैं
जीवन की रेखाएं
गिननी पड़ती हैं
पेट की आंतें
माथे की अनगिनत
लकीरों को भी
मिटाना पड़ता है ।

सरस्‍वती वंदना

चिट्ठाजगत

मां सरस्‍वती के चरणों में वंदना प्रस्‍तुत करते हुए अपने नए ब्‍लॉग का शुभारंभ कर रहा
हूँ

या कुन्‍देन्‍दु तुषार हार धवला
या शुभ्र वस्‍त्रावृता

या वीणा वर दण्‍ड-मण्डित करा
या श्‍वेत पद्मसना

या ब्रह्मच्‍युत-शंकर-प्रभृति भिर:
दैवे: सदा वन्दिता

सा मां पातु सरस्‍वती भगवती
नि:शेष जाड्यापहा



स्‍वागत

चिट्ठाजगत
मेरे ब्‍लाग पर आप सबका हार्दिक स्‍वागत है, शीघ्र ही नयी पोस्‍ट प्रस्‍तुत करुंगा ।