सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह
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*सावनी और अन्य कवितायें - निहाल सिंह*
* सावनी*
काली घटाएँ करती शोर
वन में नाचें पपीहा मोर
मन-मोहक ऋतु आई ऐसी
छाइ हरीतिमा चारों और
अंबर में विधुत्त चमचम...
2 years ago
सुस्वागतम
साहित्य और संगीत दोनों ही आत्मा को शुद्ध करते हैं, आपको अनुशासित रखते हैं और आपको भावनात्मक रूप से मजबूती भी प्रदान करते हैं । आइए, ऐसे ही कुछ विचार मेरे साथ बांट कर देखिए, अच्छा लगे तो ठीक, अच्छा न लगे तो आपकी इच्छा ।
मन के भीतरी कोने तक प्रभाव डालने वाला साहित्य और दिमाग को शांत कर देने वाला संगीत मुझे बेहद पसंद है । कहानियां, कविताएं, उपन्यास, लघु-कथाएं और व्यंग्य मुझे विशेष पसंद हैं । हिंदी फिल्मों का 90 तक का संगीत बहुत अच्छा था, ऐसा मेरा मानना है । यद्यपि ए आर रहमान और हिमेश रेशमिया का संगीत भी मुझे बेहद पसंद है, लेकिन पंचम दा की धुनें उम्दा हैं । मेरी इच्छा है कि पुरानी जीन्स (Radio Mirchi)जैसा कार्यक्रम मैं भी प्रस्तुत करूं । पुस्तकों से मुझे बेहद लगाव है और सबसे मेरा व्यक्तिगत अनुरोध है कि किसी भी पुस्तक को रद्दी में न बेचें । राजेश खन्ना मेरे पसंदीदा अभिनेता हैं । पहले मेरे बहुत से पैन-फ्रैंड्स थे और आजकल ई-मित्र । हिंदी भाषा से मुझे बेहद लगाव है और मैं चाहता हूं कि कंप्यूटर पर पूर्णतया हिंदी भाषा छा जाए । उर्दू भाषा की लिपि मैं नहीं जानता लेकिन उसके प्रयोग से मुझे मोहब्बत है ।
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
शुभकामनाएं.
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