कल से सितंबर का महीना प्रारंभ हो रहा है । एक बार फिर राजभाषा मास मनाने की तैयारी चल रही है, बैनर बन रहे हैं, आमंत्रण पत्र छप रहे हैं, बैठकें हो रही हैं, निरीक्षण हो रहे हैं, हिंदी वाले नाराज न हों इसलिए हिंदी के कवियों और साहित्यकारों के स्वागत का प्रबंध किया जा रहा है । इस देश में हिंदी बोलने वालों की कमी नहीं है । कहा जाता है कि हिंदी विश्व में तीसरे नंबर पर बोली जाने वाली भाषा है, फिर भी हमें हिंदी दिवस मनाने की आवश्यकता है । क्या किया जाए, यदि नहीं मनाएंगे तो राजभाषा नियम का उल्लंघन होगा और यदि मनाएंगे तो लोगों का विशेष रूप से हिंदी के तथाकथित विरोधियों का तिरस्कार भी सहना पड़ेगा । औपचारिकताओं से परे मेरी आपसे अपील है कि हिंदी प्रेमी बनिए और इसे अपने जीवन में ढाल लीजिए ।
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